लक्ष्य रंगमंच संसार लकीर बदलाव भूमिका प्रेरक युग-निर्माता कल के कर्णधार आज कल मन बहोत दुखता है। बात अधूरी रहती है दो सवाल छाया नभ जलधार इंतजार मनुहार दिल में बसी रहती है हरदम एक वजह वही खुश रहने की बेवजह ये दुनिया सारी है।

Hindi निर्मल रहती है जलधार Poems